अक्ल जाड़ हमारे मुह में 18 से 21 वर्ष की आयु में आती है. इसके कारण मरीज़ को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. यह जरूरी नहीं है की सब के मुह में 32 दांत हों, कई लोगों के सिर्फ 28 या 30 दांत भी हो सकते हैं. कुछ लोगों में अक्ल जाड़ होती ही नहीं. इस जाड़ से अक्ल आने का कोई सम्बन्ध नहीं है. जब अक्ल जाड़ आने का समय होता है, तब तक हमारे जबड़े की पूरी तरह से विकसित हो चुके होते हैं. इसलिए जबड़े के पिछले हिस्से में जगह कम रह जाती है और यह जाड़े हड्डी में फस जाती हैं और टेडी होकर मुह में आती हैं.
अक्ल जाड़ से क्या समस्याएं आती हैं?
अकाल जाड़ आने के समय ऊपर का मॉस फूल जाता है जो मरीज को खाने के समय दर्द करता है. कभी कभी चेहरे और मुह के भीतर सुजन भी आ जाती है. मुह खोलने में भी परेशानी होती है.
अक्ल जाड़ टेडी होने के कारण वहाँ जगह बन जाती है, जिसे मरीज़ साफ़ नहीं कर पाता और साथ वाली जाड़ में भी कीड़ा लग जाता है. उसके कारण साथ वाली जाड़ की नस तक सडन पहुच जाती है और तेज़ दर्द होता है.
अक्ल जाड़ साथ वाले दांतों पर भी दबाव डालती है और पूरे जबड़े में, कान , गले के भीतर भी दर्द हो सकता है.
मुझे क्या करना चाहिए?
इनमें से कोई समस्या होने पर आपको तुरंत डेंटिस्ट के पास जाना चाहिए. डॉक्टर आपका चेक उप करके कुछ एक्स रे करेंगे. यदि जाड़ सीधी है और दवाई से से ठीक हो सकी है, तो आपको दर्द और सुजन की दवाई दे सकते हैं . यदि ऐसा नहीं है तो,आपको अक्ल जाड़ को निकालने की राय दे सकते हैं. अक्ल जाड़ निकालने की सर्जरी सुन्न करके की जाती है , मरीज़ को जाड़ निकालने के बाद सुजन, दर्द और मुह खोलने में परेशानी आ सकती है. जी 2-3 दिन में ठीक हो जाती है.
अक्ल जाड़ निकालने के बाद क्या सावधानियां बरतनी होंगी ?
डेंटिस्ट आपको दर्द और सोजिश की दवाई देंगे, जिसको नियमित लेना होगा
जाड़ निकलवाने के तुरंत बाद ठंडी चीज़ों का सेवन करना होगा
आपको कुछ दिन नरम खाना लेना होगा और ब्रश और माउथवाश के साथ मुह को साफ़ रखना होगा.
अक्ल जाड़ टेडी होने के कारण आम तौर पर परेशानियां पैदा करती है| अधिकतर मरीजो को यह जाड़ निकलवानी पड़ती है ,इसलिए मरीज़ को अपने मुह के पिछले हिस्से को अच्छी तरह से साफ़ रखना चाहिए, ताकि अक्ल जाड़ में सडन न पैदा हो, अगर अक्ल जाड़ खराब हो जाए, तो इसको डेंटिस्ट की सलाह के बाद निकलवा देना चाहिए|