जबड़े के जोड़ में दर्द में क्या करें?/ What to do in TM joint( jaw joint) pain?
टीएम ज्वाइंट का मतलब है जबड़े का जोड़. यह जोड़ दोनों तरफ एक साथ काम करता है और मुह खोलने और बंद करने और खाना चबाने के काम आता है.
टी ऍम जॉइंट में होने वाले दर्द और दुष्प्रभाव को टी ऍम जॉइंट डिसफंक्शन कहा जाता है. यह एक बहुत ही आम बिमारी है बहुत से लोगों में पायी जाती है. आज की आधुनिक जिंदगी में अधिक मानसिक तनाव के कारण जबड़े के जोड़ में दर्द के मरीजों की संख्या काफी बढ़ गयी है|
अब हम समझने की कोशिश करेंगे कि टीएम ज्वाइंट डिस्फंक्शन के क्या लक्षण है ,यह किस वजह से होता है, और अगर इसमें से कोई भी लक्षण है तो हमें क्या करना चाहिए| इसके क्या इलाज है और इसके इलाज़ केलिए हमें कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए?
टीएम ज्वाइंट डिस्फंक्शन के मुख्यतः पांच लक्षण हैं :
1. इस में दोनों तरफ के या एक तरफ के जबड़े के जॉइंट में दर्द होता है | यह दर्द ठीक कान के आगे वाले हिस्से में होता है. यह दर्द धीमा और लगातार हो सकता है या बहुत ही तीव्र भी हो सकता है|
मुंह की अलग अलग मांसपेशियों में भी दर्द होता है | यह सब मांसपेशियाँ जबड़े को सही जगह पर संतुलित रखती हैं और मुह और जबड़े की भिन्न भिन्न कार्यों में सहायक होती हैं जैसे की मुह खोलना, बंद करना, चबाना और बोलना|
2. मुंह खोलते और बात करते वक्त कट कट की आवाज आना- जब जबड़े के इस जोड़ में लम्बे समय तक दिक्कतें बनी रहती हैं, तो मुह खोलते और बंद करने के समय मरीज़ को कट कट की आवाजें आने लगती हैं, और कई बार साथ में दर्द भी होता है| जोड़ के अन्दर एक डिस्क होती है जो अपनी जगह से खिसक जाती है और उस कारण मुह खोलने और बंद करने के समय अटक जाती है और एक आवाज़ उत्पन्न करती है|
३. कनपटी, सिर और गर्दन में दर्द होना ,
४. कुछ मरीजों में चक्कर आने की शिकायत भी होती है|
५. चूँकि यह जोड़ कान के बहुत ही नजदीक होता है, कुछ मरीजों को कान में दर्द या कान में कुछ आवाज़ भी आती हैं और सुनाई देने में भी परेशानी होने लगती है.
टीएम ज्वाइंट डिस्फंक्शन के कई कारण होते हैं
पहला कारण है– टूथ ग्राइंडिंग या लगातार दांतों को पीसना. कुछ लोग दिन रात भर दांत पीसते हैं या नींद में दांतों को आपस में रगड़ते रहते हैं. जिसके कारण मांसपेशियां थकने लगती हैं और टी ऍम जॉइंट में दर्द होने लगता है. इस अवस्था में दांतों केऊपर का इनेमल भी निकल जाता है और दांतों में ठंडा भी लगने लगता है|
बहुत सारे लोग दिन में भी टूथ ग्राइंडिंग करते हैं जिसका मुख्या कारण तनाव या स्ट्रेस होता है और वह अपनी इस आदत के बारे में बिलकुल अनभिज्ञ भी होते हैं|
दूसरा बड़ा कारण है- जबड़े पर या ठुड्डी पर किसी तरह का चोट का लगना,
चोट लगने के कारण जॉइंट के लिगामेंट में सोजिश आ जाती है और खिंचाव पैदा होता है जिसके कारण दर्द होता है
तीसरा कारण है आर्थराइटिस – यानी जोड़ में सुजन का होना. यह बीमारी शरीर के किसी भी जोड़ में हो सकती है और यह कई प्रकार की हो सकती है. इसके कई कारण होते हैं
चौथा महत्वपूर्ण कारण – अक्सर देखा गया है कि कुछ मरीजों में जाड़े निकलवा कर काफी समय बीत जाता है और आमतौर पर मरीज़ नयी जाड़े नहीं लगवाते . ऐसे में वह आगे के दांत से सब कुछ खाने लगते हैं उन्हें कोई तकलीफ़ भी नहीं होती परंतु ऐसा लम्बे समय तक करने से जबड़े का जोड़ धीरे-धीरे आगे की तरफ एडजस्ट हो जाता है और उसके कारण मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है और जबड़ा इंबैलेंस हो जाता है.
इसलिए पीछे जाड़ों का ना होना भी टीएम ज्वाइंट डिस्फंक्शन का एक महत्वपूर्ण कारण है| अधिक तनावग्रस्त होने से भी टी ऍम जॉइंट का दर्द बढ़ जाता है.
टी म प्वाइंट डिस्फंक्शन का इलाज कैसे हो सकता है ?
१.टीएम ज्वाइंट का दर्द होने पर मरीज़ को बिल्कुल नरम खाना खाना चाहिए और जब दर्द हो तो बड़ा मुंह खोलने से परहेज करना चाहिए.
जम्हाई आने पर भी टुंडी के नीचे हाथ रख कर मुंह बड़ा खोलने से बचना चाहिए.
जिन चीजों को खाने में काफी देर चबाना पड़ता है उनसे परहेज करना चाहिए जैसे चेविंग गुमस इत्यादि
२. यदि मरीज़ टूथ ग्राइंडिंग करते हैं तो उससे बचने की कोशिश करनी चाहिए. यदि आप टूथ ग्राइंडिंग या ब्रूक्सिस्म को छोड़ नहीं पा रहे हों, तो डेंटिस्ट की सलाह से एक सॉफ्ट प्लेट बनवा सकते हैं,जिससे दाँतों के ऊपर पहनने से धीरे धीरे यह आदत कम हो जाती है.
३. मांसपेशियों की हल्की मालिश भी काफी आराम दे सकती है और यदि दर्द बहुत अधिक हो तो फिजियोथेरेपी से भी बहुत आराम मिलता है.
४.यदि इनमें से कोई भी लक्षण आपको दिखाई दे तो तुरंत अपने डेंटिस्ट की सलाह ले.
५.डॉक्टर आमतौर पर इसमें दर्द और सूजन कम करने की दवाई देते हैं और दर्द कम होने पर नियमित एक्सरसाइज करने की सलाह भी देते हैं. टी एम् जॉइंट या मुह की भिन्न प्रकार की एक्सरसाइजेज आप अपने डॉक्टर से सीख सकते हैं |
टी ऍम जॉइंट की एक्सरसाइज यदि नियमित की जाएँ , तो १५ दिन में ही काफी आराम आ जाता है. यदि बिलकुल भी आराम न आये तो, कुछ मरीजों में जोड़ में इंजेक्शन भी लगाना पड़ सकता है.
टी ऍम जॉयंट डिसफंक्शन का सही तरह से इलाज़ बहुत ज़रूरी है , इसलिए यदि आपको भी ऐसी कोई समस्या है, तो उसको अन-देखा न करें और डेंटिस्ट की तुरंत सलाह लें.